
यदि सर्वप्रथम आप यह जानना चाहते हैं कि क्या फैटी लीवर का इलाज संभव है या नहीं! तो आपको यह बात पता होना चाहिए कि फैटी लीवर का इलाज सौ प्रतिशत सम्भव है। मात्र आपको सही मार्गदर्शन और सही आयुर्वेदिक इलाज की जरूरत पड़ेगी।
दोस्तों! आज की भागदौड़ भरी जिंदगी और अनियमित जीवनशैली ने कई बीमारियों को जन्म दिया है। इन्हीं में से एक है फैटी लीवर (Fatty Liver), जो पहले बहुत कम लोगों को प्रभावित करता था, लेकिन अब यह एक आम समस्या बन चुका है।
अगर समय रहते इसका इलाज न किया जाए, तो यह गंभीर रूप ले सकता है और जान भी जा सकती है। इसलिए इस ब्लाग में हम फैटी लीवर के कारण, लक्षण और खास तौर पर इसके इलाज के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे। यह भी पढ़ें- हमेशा जवान बने रहने का नुस्खा : धनवन्तरी द्वारा प्रतिपादित एक गुप्त प्रयोग
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फैटी लीवर क्या है?
फैटी लीवर वह स्थिति होती है, जब आपके लीवर (जिगर) में सामान्य से अधिक वसा जमा हो जाता है। एक स्वस्थ लीवर में थोड़ी मात्रा में फैट होना सामान्य बात है, लेकिन जब यह मात्रा 5-10 þ से अधिक हो जाती है, तो इसे फैटी लीवर डिज़ीज़ कहा जाता है।
फैटी लीवर दो प्रकार का होता हैः-
1. NAFLD (Non Alcoholic Fatty Liver Disease) – जब शराब का सेवन नहीं करने वाले लोगों में भी फैटी लीवर की समस्या हो जाती है तो उसे नॉन एल्कोहलिक फैटी लीवर डिजीज (NAFLD) कहते हैं।
2. AFLD (Alcoholic Fatty Liver Disease) – एल्कोहलिक फैटी लीवर डिजीज (AFLD) अधिक मात्रा में शराब पीने वाले लोगों में ही पायी जाती है।
फैटी लीवर होने के कारण
फैटी लीवर होने के कारण पर चर्चा की जाए तो यह कई कारणों से हो सकता है, जिसमें खान-पान से सम्बन्धित आदतें एवं शारीरिक श्रम से जुड़ी चीजें बहुत ही महत्वपूर्ण हैं। फिर भी निम्नलिखित बातें इस बीमारी के होने के मुख्य कारण हो सकते हैं-
- अत्यधिक जंक फूड या तैलीय भोजन का सेवन।
- शराब का अधिक सेवन।
- मोटापा और शारीरिक निष्क्रियता।
- डायबिटीज़ और इंसुलिन रेसिस्टेंस।
- कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड का स्तर अधिक होना।
- कुछ एलोपैथिक दवाओं का लंबे समय तक सेवन।
- मीट-मांस का अत्यधिक सेवन।
- तेल, मीर्च-मसालों का अत्यधिक सेवन।
- शारीरिक श्रम बिल्कुल भी ना करना। यह भी पढ़ें- 100% नपुंसकता का इलाज/नामर्दी का इलाज घर बैठे- Impotency Treatment
फैटी लीवर के लक्षण।
फैटी लीवर के लक्षण की बात की जाए तो शुरु-शुरु में इसके लक्षण दिखाई ही नहीं देते हैं। परन्तु निरन्तर असावधानी बरतने से यह समस्या दिन पर दिन बढ़ती जाती है और समय के साथ निम्न लक्षण दिख सकते हैं:-
- पेट के ऊपरी दाएं हिस्से में हल्का दर्द या असुविधा प्रतीत होना।
- थकान और कमजोरी रहना।
- भूख कम लगना या एकदम से ना लगना।
- अचानक से वजन घटना या बढ़ना।
- जी मिचलाना।
- आंखों और त्वचा का पीलापन (अगर हालत गंभीर हो जाए)
- पेट में अक्सर गैस, अपच एवं फूलने की समस्या बना रहना।
उक्त लक्षण फैटी लीवर के शुरुवाती लक्षण हैं। यदि समय से इलाज नहीं किया जाए एवं आवश्यक सावधानियां नहीं बरती जाए तो आगे चलकर यही लक्षण और भी विकृत हो जाते हैं और लीवर सिरोसिस जैसी गम्भीर समस्या का कारण बन सकते हैं।
अब हम बात करेंगे सबसे महत्वपूर्ण विषय पर, जो है फैटी लीवर का इलाज। क्योंकि किसी भी बीमारी का सटीक एवं प्रभावकारी इलाज मनुष्य को मौत के मुंह से भी वापस ला सकती है।
फैटी लीवर का इलाज : आयुर्वेदिक और घरेलू उपाय
सबसे अच्छी बात यह है कि फैटी लीवर का इलाज यदि शुरुआती अवस्था में ही शुरु कर दिया जाए तो इस बीमारी को पूरी तरह ठीक किया जा सकता है, वह भी बिना किसी भारी-भरकम दवाओं के। नीचे दिए गए उपायों से आप प्राकृतिक रूप से अपने लीवर को स्वस्थ बना सकते हैं :- यह भी पढ़ें- सहजन : पौष्टिकता से भरपूर एक दिव्य खाद्य पदार्थ
1. खानपान में बदलाव करें
- फाइबर युक्त आहार लें। जैसे ओट्स, हरी सब्जियां, फल आदि खासकर खट्टे फल जैसे आंवला, संतरा, नींबू इत्यादि।
- प्रोटीन का सेवन बढ़ाएं। दालें, अंकुरित अनाज का भरपूर मात्रा में सेवन करें।
- तैलीय और प्रोसेस्ड फूड से बचें। जैसे समोसे, पिज्जा, बर्गर, पैकेज्ड स्नैक्स आदि का भूलकर भी सेवन ना करें।
- तेल का प्रयोग बिल्कुल कम कर दें या ना के बराबर कर दें। मांस-मदीरा का सेवन बिल्कुल भी नहीं करना है।
- मीर्च-मसाले का सेवन एकदम बन्द कर दें। चीनी और मीठे पेय पदार्थों से दूरी बनाएं। चीनी, कोल्ड ड्रिंक्स, मिठाइयां आदि लीवर के लिए जहर के समान हैं।
- दिन में पर्याप्त पानी पीयें। दिनभर में कम से कम 2 से 3 लीटर पानी जरूर पीयें।
2. व्यायाम और योग
- रोज़ाना कम से कम 30 मिनट तेज चाल में चलें, साइक्लिंग, या स्विमिंग करें। भरपूर कसरत करें, जिससे शरीर पसीने से तरबतर हो जाए और शरीर से अनावश्यक चर्बी कम हाने लगे।
- प्रतिदिन योग करें, जैसे- कपालभाति, अनुलोम-विलोम, धनुरासन, और मंडूकासन एवं सूर्य नमस्कार। ये योग आसन लीवर को स्वस्थ रखने में सहायक हैं।
3. फैटी लीवर का आयुर्वेदिक इलाज
इस बीमारी को जड़ से समाप्त करने के लिए फैटी लीवर का आयुर्वेदिक इलाज बहुत ही महत्वपूर्ण है। क्योंकि यह बीमारी आयुर्वेदिक इलाज से ही पूरी तरह ठीक होती है। यहां कुछ विशेष एवं प्रभावशाली आयुर्वेदिक इलाज दिया जा रहा है, जिसका प्रयोग आप अपने डाक्टर से सलाह लेकर कर सकते हैं।
- गिलोयः लीवर की बीमारियां में गिलोय बहुत ही अच्छा औषधि है। यह लीवर को डिटॉक्स करने में मदद करता है। गिलोय का 10 ग्राम रस सुबह खाली पेट 40 दिनों तक लेने से यह रोग खत्म हो जाता है।
- त्रिफला चूर्णः यह आयुर्वेद का एक प्रसिद्ध औषधि है। यदि प्रतिदिन सुबह खाली पेट एक चम्मच यानी लगभग 5 ग्राम की मात्रा में त्रिफला दो-तीन महीने लिया जाए तो लीवर की समस्या से निजात मिल जाता है। त्रिफला चूर्ण पाचन सुधारता है और लीवर पर जमा वसा को हटाता है।
- आंवलाः विटामिन सी से भरपूर आंवला लीवर की सूजन कम करता है। दो हरे पके आंवलें, दो नग लहसुन, थोड़ा सा अदरक का टुकड़ा, 5 काली मिर्च लेकर थोड़ा सा पानी मिलाकर मिक्सर में पीस कर, इसका जूस छान लें एवं इसमें थोड़ा सा सेंधा नमक डालकर सुबह खाली पेट 40 दिनों तक पीयें। बीमारी जड़ से खत्म हो जाएगी।
- हल्दी दूधः एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर हल्दी लीवर की कोशिकाओं को रिपेयर करती है। इसलिए 250 ग्राम दूध में एक चम्मच हल्दी पाउडर मिला कर उसे पकाकर सुबह खाली पेट सेवन करें।
- 100 ग्राम पुनर्नवा का चूर्ण, 100 ग्राम आंवला चूर्ण एवं 100 ग्राम मुलेठी का चूर्ण लेकर आपस में मिलाकर, सुबह शाम खाली पेट एक चम्मच सेवन करने से लीवर की समस्या से निजात मिल जाता है।
4. तनाव कम करें
तनाव भी लीवर की कार्यप्रणाली को प्रभावित करता है। ध्यान, प्राणायाम और पर्याप्त नींद से तनाव कम किया जा सकता है। साथ ही यह ध्यान रहे कि फैटी लीवर के इलाज में दवाओं के साथ प्रतिदिन आधा से एक घंटे का कठोर व्यायाम आवश्यक है।
फैटी लीवर में डॉक्टरी इलाज कब ज़रूरी है?
यदि आपके लक्षण अधिक गंभीर हों या घरेलू उपायों से सुधार न हो रहा हो, तो डॉक्टरी सलाह लेना जरूरी है। डॉक्टर निम्नलिखित जांच करवा सकते हैंः
- लीवर फंक्शन टेस्ट (LFT)
- अल्ट्रासाउंड या CT स्कैन
- बायोप्सी (गंभीर मामलों में)
डॉक्टर, रोग की स्थिति के अनुसार दवाइयां और डायट प्लान दे सकते हैं, जिसका आपको अनुशासित तरीके से पालन करना अनिवार्य होता है।
फैटी लीवर से बचाव कैसे करें?
आज के समय में यह ध्यान रखना अति आवश्यक है कि कोई भी बीमारी होने से पहले हम उससे बचने का उपाय कर लें। फैटी लीवर से बचाव के लिए आप निम्नलिखित बिन्दुओं को अपना सकते हैंः-
- संतुलित आहार लें और नियमित व्यायाम करें।
- शराब का सेवन बिल्कुल न करें या सीमित रखें।
- वजन को नियंत्रित रखें। तली हुई और मसालेदार खाद्य पदार्थों से परहेज करें।
- नियमित रूप से स्वास्थ्य जांच करवाएं एवं फास्ट फूड से दूर रहें।
फैटी लीवर का इलाज : निष्कर्ष
यह बीमारीआज के समय की एक आम लेकिन गंभीर समस्या बन चुकी है। अच्छी खबर यह है कि यदि इसे सही समय पर पहचाना जाए और जीवनशैली में आवश्यक बदलाव किए जाएं, तो यह पूरी तरह से ठीक हो सकता है।
आयुर्वेद, योग, सही खानपान और नियमित व्यायाम से फैटी लीवर का इलाज हो सकता है और ये सभी बातें इसकी रोकथाम के लिए बेहद प्रभावी सिद्ध हो सकते हैं।
अपने लीवर को स्वस्थ रखना, मतलब पूरे शरीर को स्वस्थ रखना। इसलिए अपने शरीर की सुनिए, और आज से ही अपने जीवनशैली में छोटे-छोटे लेकिन जरूरी बदलाव लाइए, ताकी ना हो बीमारी और ना ही आपको आवश्यकता पड़े अपने फैटी लीवर के इलाज की।
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