दुर्गा साधना (Durga Sadhana) : मित्रों आज आपके साथ जगत जननी माँ दुर्गा की एक ऐसी प्रभावकारी साधना प्रस्तुत करने जा रहा हूँ, जिसमें किसी भी प्रकार के अनावश्यक आडम्बर की आवश्यकता नहीं है।
दुर्गा साधना (Durga Sadhana) के लिए आवश्यक सामग्री :-
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- कोई भी बढिया, सुगन्धित पांच अगरबत्ती।
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- कनेर के 108 पुष्प। यदि कनेर के पुष्प उपलब्ध न हो तो गुड़हल के 108 पुष्प ले लेना। यदि वह भी उपलब्ध न हो तो कोई भी 108 पुष्प ले लेना परन्तु भक्ति भाव रूपी पुष्प अपने हृदय में अवश्य लेकर साधना में बैठना क्योंकि भगवती को भाव से सूखे पत्ते भी चढा दोगे तो वह अवश्य स्वीकार करेगी।
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- घी का दीपक। यदि घी का अभाव हो तो तिल के तेल का दीपक जला लेना।
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- लाल ऊनी आसन।
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- पुष्पांजली हेतु अलग से पुष्प एवं विल्वपत्र।
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- साधना काल में पहनने के लिए स्वच्छ लाल वस्त्र। यदि लाल वस्त्र का अभाव हो तो, जो भी साफ-सुथरा वस्त्र उपलब्ध हो उसको धारण किया जा सकता है। अन्यथा अभाव की स्थिति में नहा धोकर साफ तौलिया लपेट कर नंगे बदन भी साधना में बैठ सकते हैं।
दुर्गा साधना (Durga Sadhana) की विधि
DURGA SADHANA |
दुर्गा साधना (Durga Sadhana) विधानः- सर्वप्रथम नहा धोकर स्वच्छ आसन बिछा लें। आसन को प्रणाम कर आसन पर बैठ जाएं। तत्पश्चात शिवलिंग अथवा बाणलिंग को शुद्ध जल से स्नान कराकर उनके सामने दीपक और पांच अगरबत्ती जलाकर उन्हें निम्न मंत्र से पुष्पांजली प्रदान करें एवं प्रणाम करें-
गुरूरैव परमब्रह्म तस्मैः श्री गुरूवे नमः।
तदोपरांत ‘‘या देवी सर्व भुतेषु मातृ रूपेण संस्थिता………….‘‘ मंत्र से माँ दुर्गा को पुष्पांजली प्रदान करें एवं प्रणाम करें। उसके बाद अनन्य भक्ति भाव से जो 108 पुष्प आपने रखा है, उसको ज्ञान मुद्रा से शिवलिंग में भगवती का स्मरण करते हुए, उनके चरणों में निम्न मंत्र पढ-पढ कर एक-एक पुष्प अर्पित करें।
मंत्रः- ऊॅ दुं दुर्गायै नमः
एक बात अवश्य याद रखें कि पुष्प को ज्ञान मुद्रा से पकड़ कर पहले अपने हृदय से स्पर्श कराते हुए मंत्र पढ़ना है और मंत्र पढ़ कर भगवती के चरणों में अर्पण करे देना है।
इस प्रकार 108 बार मंत्र पढ कर 108 पुष्प समर्पित करने के बाद पुनः गुरूदेव एवं भगवती को उपरोक्त बताए गये मंत्रों से पुष्पांजली प्रदान करके एवं उन्हें प्रणाम करके साधना को समाप्त करें।
यह साधना निष्काम भाव से करें और प्रतिदिन की साधना कर्म को अपने गुरुदेव के श्रीचरणों में समर्पित कर दें।
मित्रों इस दुर्गा साधना (Durga Sadhana) विधान को संम्पन्न करके अपने अनुभव को हमें कमेंट करके अवश्य बताइएगा। भगवती आप सभी पर अपनी असीम कृपा सदा बरसाती रहें।
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