कब्ज का रामबाण इलाज | कब्ज से कैसे बचें – 15 प्रभावी घरेलू उपाय

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कब्ज का रामबाण इलाज

कब्ज का रामबाण इलाज : दोस्तों आज इस लेख में हम बात करेंगे कब्ज के रामबाण इलाज के बारे में। आज के भाग-दौड़ वाली जिंदगी में कब्ज और गैस की समस्या आम बात हो गयी है।

मनुष्य अपने रोजमर्रा के जीवन में इतना अस्त-व्यस्त हो चुका है कि उसे अपने खान-पान एवं स्वास्थ्य की चिंता ही नहीं है।

अत्यधिक गरिष्ठ भोजन एवं मिलावटी तेलों का इस्तेमाल कर-कर के हमने अपने शरीर को हजारों रोगों का घर बना लिया है।

हमारे आयुर्वेद शास्त्रों में कहा गया है कि कब्ज अन्य सैकड़ों रोगों की जननी है। जिस व्यक्ति का पेट ठीक है, उसे समझो कोई बीमारी नहीं हो सकती है।

बीमारियों की शुरुवात ही पेट के रोगों से होती है। इस लेख में हम कब्ज के रामबाण इलाज एवं प्रभावी घरेलू चिकित्सा के बारे में जानेंगे।

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कब्ज या कोष्ठबद्धता क्या है

कब्ज को ही कोष्ठबद्धता के नाम से जाना जाता है। कब्ज की विकृति को घर परिवार में साधारण बात समझा जाता है।

समय से शौच नहीं जाने पर या प्रतिदिन शौच नहीं जाने पर आंतों में मल सूख कर कड़ा हो जाता है।

ऐसी स्थिति में मल कड़ा हो जाता है और शौच के दौरान आसानी से नहीं निकलता है, इसे ही कोष्ठबद्धता या कब्ज के नाम से जाना जाता है। कब्ज का रामबाण इलाज जानने से पहले आइये पहले इसके लक्षण जान लेते हैं-

कब्ज के लक्षण

कब्ज के लक्षण : सुबह देर तक सोने से और निश्चित समय पर शौच नहीं जाने पर आंतों में मल एकत्र होने लगता है। आंतों में मल शुष्क और कठोर हो जाता है तो शौच के समय बहुत पीड़ा होती है।

कब्ज के लक्षण निम्नलिखित प्रकार के हो सकते हैं-

  • मल का अत्यधिक कड़ा हो जाना।
  • मल का अत्यधिक शुष्क एवं कड़ा होने के कारण मल निष्कासित करने में परेशानी एवं पीड़ा होना।
  • शौच के समय पूरी तरह पेट साफ न होना।
  • शौच कर लेने के बाद भी ऐसा प्रतीत होना कि पेट में मल अभी अवशेष है।
  • दो-दो चार-चार दिनों तक शौच ही नहीं लगना।
  • पेट में मीठा-मीठा दर्द रहना।
  • पेट में भारीपन एवं गैस का बनना।
  • सिर में दर्द रहना।

कब्ज से कैसे बचें

कब्ज से कैसे बचें : कब्ज को नष्ट करने के लिए विरेचन औषधियों अर्थात जुलाब का इस्तेमाल किया जाता है। एक दो बार विरेचन औषधि लेने से शौच तो हो जाती है, लेकिन एक दो सप्ताह के अंतराल में फिर कब्ज हो जाता है।

कब्ज से पूरी तरह मुक्ति पाने के लिए भोजन में परिवर्तन करना बहुत ही आवश्यक है। भोजन में घी, मक्खन, दूध, दही और फल-सब्जिओं को सम्मिलित करने से कब्ज नहीं होता है।

सुबह समय से उठने और हल्का व्यायाम एवं योगा करने से एवं भोजन में परिवर्तन करके हम कब्ज से बच सकते हैं।

कब्ज से छुटकारा पाने के लिए गरिष्ठ एवं तैलीय भोजन का परित्याग करना पड़ेगा। जहां तक हो सके फास्ट फूड एवं चाइनिज पकवानों के सेवन से बचना चाहिए।

भोजन में रेशायुक्त भोजन को ग्रहण करें। जैसे चोकर युक्त आटे की रोटी, हरी सब्जियां, फल, दूध एवं दही का पर्याप्त इस्तेमाल करें।

गैस और कब्ज का रामबाड़ घरेलू इलाज

यहां आयुर्वेद ग्रंथों से कब्ज का रामबाड़ घरेलू इलाज दिये जा रहे हैं। इन उपायों को अपनाकर आप कब्ज से मुक्ति पा सकते हैं।

  • ईसबगोल को 5 ग्राम की मात्रा में मधु मिलाकर रात्रि के समय सेवन करने और दूध पीने से कब्ज का निवारण हो जाता है। यह कब्ज की आयुर्वेदिक दवा प्रसिद्ध है।
  • त्रिफला चूर्ण 5 ग्राम मात्रा में मधु मिलाकर रात्रि के समय गरम दूध के साथ लेने से कब्ज समाप्त हो जाता है। यह कब्ज का रामबाड़ इलाज है।
  • हरड़, बहेड़ा और आंवला से निर्मित त्रिफला चूर्ण को 5 ग्राम मात्रा में रात्रि को सोने से पहले गरम पानी से लेने से सुबह सरलता से शौच हो जाता है। इस औषधि से गैस और कब्ज का जड़ से इलाज हो जाता है।
  • हरड़, बहेड़ा और आंवला तीनों बराबर मात्रा में लेकर रात्रि को जल में भीगोकर रख दें। प्रातः उठकर इस जल को छानकर खाली पेट सेवन करने से गैस और कब्ज का इलाज हो जाता है।
  • सनाय की 50 ग्राम पत्तियों में 100 ग्राम सौंफ कूट-पीसकर चूर्ण बनाकर रखें। इस चूर्ण में 25 ग्राम मिश्री भी कूट पीसकर मिला लें। सात से आठ ग्राम चूर्ण हल्के गरम जल के साथ रात्रि में सोने से पहले सेवन करने से कब्ज से मुक्ति मिल जाती है। यह कब्ज का रामबाड़ इलाज है।
  • यदि मल बहुत ही कठोर हो जाए और शौच के समय आसानी से न निकले तब रात्रि में सोने से पहले 250 ग्राम उबले हुए दूध में 20 ग्राम एरंड का तेल मिलाकर सेवन करें।
  • तीन-चार मुनक्का 250 ग्राम दूध में उबालकर, मुनक्का को चबा-चबाकर खा जाएं एवं उसके बाद दूध पी जाएं। कब्ज की समस्या से मुक्ति मिल जाएगी।
  • खजूर या छुहारों को दूध में उबालकर खाने और दूध पीने से कब्ज का इलाज हो जाता है।
  • विधारा को कूट-पीस कर खूब बारीक चूर्ण बनाकर रखें। कोष्ठबद्धता या कब्ज होने पर 6 ग्राम चूर्ण हल्के गरम दूध के साथ सेवन करने से कब्ज की समस्या में बहुत लाभ मिलता है। यदि एक बार चूर्ण लेने से लाभ न हो तो चार-पांच दिन तक सेवन करें। इससे कब्ज का इलाज हो जाता है।
  • चंपा की 6 ग्राम जड़ को जल में देर तक उबालकर क्वाथ बनाकर, छानकर पीने से कोष्ठबद्धता या कब्ज से आराम मिलता है।
  • कब्ज की पीड़ा से जूझ रहे स्त्री पुरुषों को त्रिकुटा चूर्ण का सेवन करने से बहुत लाभ होता है।
  • त्रिकुटा चूर्ण घर पर बनाया जा सकता है। सोंठ, काली मिर्च और पिप्पली को 10-10 ग्राम की मात्रा में लेकर कूट पीसकर बारीक चूर्ण बना लें। यही त्रिकुटा चूर्ण है। कब्ज दूर करने के लिए 5 ग्राम चूर्ण गरम जल से सुबह-शाम लेना चाहिए।
  • गुलाब की पत्तियों से गुणकारी गुलकंद बनाया जाता है। गुलकंद को पान में रखकर भी सेवन किया जाता है। 25-30 ग्राम गुलकंद खाने के बाद दूध पीने से कब्ज की बीमारी से आराम मिलता है।
  • कब्ज और सिर दर्द होने पर दूध में जलेबी डालकर खाने से बहुत लाभ होता है। इसका सेवन करने से कब्ज से राहत मिलता है तथा साथ ही सिर दर्द भी नष्ट हो जाता है।

कब्ज के लिए योगासन

कब्ज के लिए योगासन :- कुछ योगासनों का नियमित अभ्यास करके कब्ज से बचा जा सकता है। कब्ज को दूर करने के लिए उन्ही योगासनों का चुनाव करें जिनका प्रभाव पेट और पेट के अंदरूनी हिस्सों पर पड़ता हो।

सुबह खाली पेट सूर्य उगने से पहले, नित्य कर्म से निवृत्त होकर पद्मासन, धनुरासन और कर्ण पीड़ासन  जैसे आसनों को करने से पेट पर बहुत ही सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

कब्ज की पीड़ा से जूझ रहे व्यक्ति को कब्ज के आयुर्वेदिक इलाज के साथ-साथ इन योगासनों का नियमित अभ्यास भी करते रहना चाहिए, जिससे की कब्ज के बीमारी का जड़ से इलाज हो सके।

मित्रों इस लेख में आपने कब्ज का रामबाड़ इलाज एवं कब्ज से कैसे बचें तथा साथ ही गैस और कब्ज का इलाज, कब्ज के लिए योगासन के बारे में पढ़ा। यदि यह लेख आपको ज्ञानवर्द्धक लगा हो तो आप इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर कर सकते हैं।

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