पवनमुक्तासन करने की विधि और लाभ

पवनमुक्तासन, पेट की प्रदूषित वायु के निष्कासन हेतु पीठ के बल लेटकर किया जाने वाला उत्तम आसन है। यह आसन अन्य आसनों की अपेक्षा सरल एवं करने में आसान है। परन्तु आप ज्यादा मोटे हैं या आपका पेट कुछ ज्यादा ही बाहर निकला है तो यह आसन करने में आपको […]

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उत्थित पादासन करने की विधि और लाभ

उत्थित पादासन पैरों, कमर, गुर्दे तथा पेट के लिए बहुत ही अच्छा आसन है। यह आसन सरलता से किया जा सकता है। इस आसन का विशिष्ट बात यह है कि इसमें पैरों को नब्बे डिग्री पर कमर से मोड़कर रखा जाता है जिसमें पैर घुटनों से मुड़ना नहीं चाहिए। इस आसन

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नाभि आसन करने की विधि और लाभ

नाभि आसन वस्तुतः नाभि के विचलन को दूर करने का आसन है। जब नाभि अपने स्थान से खिसक जाती है तो मनुष्य को विभिन्न प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। नाभि का अपने स्थान से खिसक जाना या विचलित हो जाना केवल शारीरिक रोगों को ही नहीं अपितु

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आकर्ण धनुरासन करने की विधि और लाभ

आकर्ण धनुरासन भी धनुरासन के समान ही है। धनुष के कमान को जब पकड़कर खींचा जाता है, तब उसमें एक तनाव का बल कार्य करता है। इस आसन में शरीर की मुद्रा को तो खींचे हुए धनुष की आकृति में लाया ही जाता है, साथ ही पेशियों के तनाव का

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धनुरासन करने की विधि और लाभ

शरीर को धनुष की आकृति में मोड़ने के कारण इस आसन को धनुरासन कहते हैं। यह आसन थोड़ा कठिन है इसलिए इसे करते समय थोड़ा सावधानी बरतनी चाहिए। जिन्हें पीठ के नीचे रीढ़ की हड्डी में दर्द हो उन्हें बिना डाक्टर के सलाह के यह आसन बिल्कुल भी नहीं करनी

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सुप्त वज्रासन करने की विधि और लाभ

सुप्त वज्रासन लेटकर किया जाने वाला आसन है। यह बहुत ही स्वास्थ्यवर्धक आसन है एवं योग के कुछ महत्वपूर्ण आसनों में एक है। सुप्त वज्रासन में वज्रासन की मुद्रा बनाकर पीछे की ओर पीठ के बल भूमि पर लेटा जाता है। इसी कारण इसे सुप्त वज्रासन कहा जाता है। सुप्त

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