
वर्तमान समय में शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति हो जिससे ईर्ष्या रखने वाले ना हो जिसके शत्रु न हो जिनके मुकदमे ना चल रहे हो और जो किसी न किसी व्यक्ति से सताया ना जा रहा हो। वर्तमान समय में प्रत्येक मनुष्य का कोई ना कोई शत्रु अवश्य है।
आज का यह लेख शत्रुओं के विनाश के लिए ही है। आज हम बात करेंगे शत्रु नाशक भैरव शाबर मंत्र की। यदि आप किसी मुकदमे में उलझे हुए हैं, कोई व्यक्ति आपको बेहद परेशान कर रहा है और आपका जीवन नरक तुल्य कर दिया है तो यह लेख आप पूरा अवश्य पढ़ें।
अपने शत्रुओं से बचाव के लिए, उनसे छुटकारा पाने के लिए आपने सारे जतन कर लिए हैं, परन्तु कोई आशातीत परिणाम प्राप्त नहीं हुआ है या परिणाम एकदम शून्य है और आपके सहन की पराकाष्ठा हो चुकी है तो इस भैरव प्रयोग को एक बार जरूर करें।
यह स्वयं सिद्ध प्रकृति का प्रयोग है। आपको बस श्रद्धा, विश्वास और निष्ठा से इसको करना है। आप जरूर लाभान्वित होंगे।
।। मंत्र प्रयोग विधि ।।
सबसे पहले तो यह कोशिश करें कि इस प्रयोग को घर में ना करें। घर के आसपास में कोई शांत जगह हो, कोई भैरव जी का मंदिर हो या कोई ऐसा कुआं हो जिसमें पानी हो तो वहां करें।
या कोई देवी का पुराना मंदिर हो या कोई बरगद का पेड़ हो तो वहां भी आप इस प्रयोग को कर सकते हैं। कहने का मतलब बस इतना सा है कि कहीं भी शांत जगह, जहां कोई आपको डिस्टर्ब ना करें, उस स्थान को इस प्रयोग के लिए चुन सकते हैं।
स्थान का चुनाव करने के बाद आप स्नान आदि से पवित्र होकर के कुछ पूजा का सामान जैसे- लड्डू, सुगंधित अगरबत्ती, नारियल जो देवी के मंदिर में तोड़े जाते हैं और भैरव जी की मूर्ति ले लें यदि आपके पास है तो।
यदि आप के पास कोई मूर्ति नहीं है तो कोई बात नहीं है। आप यह भावना करके कि यहां भैरव जी उपस्थित हैं, उनको जो भी सामान आप ले गए हैं वह सब अर्पित करें। अगरबत्ती आदि जला दें, लड्डू और नारियल आदि अर्पित कर दें और रुद्राक्ष की माला से दिये गये मंत्र की एक माला प्रतिदिन जप करें।
यहां कोई समय का प्रतिबन्ध नहीं है कि सुबह करना है कि दोपहर में करना है कि शाम को करना है कि रात को करना है। जब भी आपके पास समय हो, अपने समय की सुविधा के अनुसार उस समय इस प्रयोग को कर सकते हैं। बस ध्यान रखें कि जिस समय में आप शुरुवात कर रहें हैं, उसी समय को प्रतिदिन करें।
यदि आप शाम को समय निकाल पाते हैं तो पूरे 21 दिन प्रतिदिन एक माला शाम को ही करें। उसके बाद आप प्रतिदिन 21 बार इस मंत्र का जप घर में भी कर सकते हैं।
इसके अतिरिक्त, रविवार के दिन यदि आपके आसपास में कोई भैरव जी का मंदिर हो तो वहां अवश्य जाएं और अपने शत्रुओं के नाश के लिए या कोर्ट कचहरी की समस्याओं के निदान के लिए भैरव जी से प्रार्थना करें।
।। मंत्र ।।
हमें जो सतावे सुख न पावै सातों जन्म।
इतनी अरज सुन लीजै वीर भैरो आज तुम।।
जितने होय शत्रु मेरे और जो सताय मुझे,
वाही को रक्तपान स्वान को कराओ तुम।
मार मार खड्गन से काट डारो माथ उनके,
मांस रक्त से नहावो वीर भैरो तुम,
कालका भवानी सिंह वाहिनी को छोड़
मैंने करी आस तेरी अब करो काज इतनी तुम।
एक बात ध्यान रखें कि यदि आपको बहुत ज्यादा भय लगता हो तो आप इस प्रयोग को नहीं करें तो अच्छा है। और यदि आपको बहुत ज्यादा भय नहीं लगता है तो आप निश्चिन्त होकर इस प्रयोग को कर सकते हैं और भगवान भैरव की कृपा प्राप्त कर सकते हैं।
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