
हम सभी जानते हैं कि जब हमें कोई महत्त्वपूर्ण वस्तु मिलती है तो हम उसे बड़े सुरक्षित स्थान पर रखते हैं। जैसे बैंक के लॉकर में, घर की अलमारी में या फिर किसी गुप्त जगह पर। क्यों? क्योंकि हमारे लिए वह वस्तु अत्यंत कीमती होती है और हम नहीं चाहते कि वह सबके सामने प्रकट हो।
इसी प्रकार तंत्र साधनाओं में भी कुछ अत्यंत गुप्त और महत्त्वपूर्ण कुंजिकाएँ (कुंजी या रहस्य सूत्र) होती हैं। इनमें से ही एक है शिव शाबर कुंजिका, जो साधना के मार्ग को खोलने वाली अद्भुत शक्ति है।
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कुंजिका का महत्व तंत्र साधना में
सनातन परंपरा में देवी और देवताओं की अनेक साधनाएँ प्रचलित हैं। इन साधनाओं में कुंजिका (गुप्त रहस्य) का बहुत बड़ा महत्व है।
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देवी साधना में “दुर्गा कुंजिका” का महत्व सभी जानते हैं।
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इसी प्रकार भगवान शिव की भी एक अत्यंत गुप्त शाबर कुंजिका है।
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यह कुंजिका साधकों के लिए साधना का द्वार खोलती है और उन्हें गहन आध्यात्मिक अनुभवों तक पहुँचाती है।
शिव शाबर कुंजिका की प्राप्ति
यह कुंजिका साधारण रूप से उपलब्ध नहीं है। इसे नेपाल के एक उच्च कोटि के साधक से हस्तलिखित रूप में प्राप्त किया गया। वह साधक शक्त परंपरा से जुड़े थे, लेकिन उनके पास यह अमूल्य शाबर कुंजिका थी। उन्होंने इसे साझा करने की अनुमति दी और आज यह सार्वजनिक हो रही है।
इसकी विशेषता यह है कि यह स्वयं सिद्ध (Self-Energized) है। यानी इसे किसी विशेष जप या अनुष्ठान से सिद्ध करने की आवश्यकता नहीं है।
शिव शाबर कुंजिका के लाभ
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शिव साधना के गुप्त रहस्य खुलते हैं।
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साधक को यह संकेत मिलने लगते हैं कि वह साधना में कहाँ गलती कर रहा है।
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सच्चे गुरु या इष्ट की ओर मार्गदर्शन मिलता है।
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साधक की आध्यात्मिक उन्नति का मार्ग खुलता है।
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शिव की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में अद्भुत परिवर्तन आते हैं।
शिव शाबर कुंजिका का प्रयोग कैसे करें?
👉 इस कुंजिका का पाठ करना अत्यंत सरल है।
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किसी शुक्ल पक्ष के सोमवार, पूर्णिमा, त्रयोदशी या चतुर्दशी की रात को प्रारंभ करें।
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भगवान शिव का पूजन अपनी क्षमता अनुसार करें।
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विशेष बात यह है कि इस कुंजिका के प्रयोग में इत्र (सुगंध) का उपयोग सर्वोत्तम माना गया है।
विधि
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एक छोटी सी इत्र की शीशी रखें।
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दाहिने हाथ में थोड़ा सा इत्र लें।
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शिवलिंग पर मालिश जैसा करते हुए इस कुंजिका का पाठ करें।
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1 बार, 3 बार या 5 बार पाठ कर सकते हैं।
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अंत में भगवान शिव से अपनी साधना में मार्गदर्शन और कृपा की प्रार्थना करें।
👉 दीपक, फूल, अगरबत्ती आदि अनिवार्य नहीं हैं। केवल इत्र के साथ पाठ करने से ही चमत्कारी परिणाम मिलते हैं।
शिव शाबर कुंजिका मंत्र
निष्कर्ष
शिव शाबर कुंजिका साधकों के लिए एक अद्भुत वरदान है। यह साधना का मार्ग खोलती है और साधक को शिव कृपा का अनुभव कराती है। यदि आप शिव साधना में गहराई तक जाना चाहते हैं, तो इस शाबर कुंजिका का पाठ अपने दैनिक जीवन में अवश्य करें।
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