स्वर्णाकर्षण भैरव साधना: आर्थिक तरक्की और धन प्राप्ति का सरल उपाय

स्वर्णाकर्षण भैरव साधना द्वारा आर्थिक तरक्की और धन प्राप्ति का उपाय
स्वर्णाकर्षण भैरव साधना से दूर होंगी आर्थिक समस्याएँ और जीवन में आएगी समृद्धि

क्या आप भी चाहते हैं कि आपके जीवन में हमेशा आर्थिक तरक्की बनी रहे और घर में बरकत हो? हिंदू धर्म में भैरव जी का एक स्वरूप है – स्वर्णाकर्षण भैरव। यह स्वरूप विशेष रूप से धन, संपत्ति और आर्थिक समृद्धि से जुड़ा हुआ है।

माना जाता है कि यदि स्वर्णाकर्षण भैरव की साधना विधिवत की जाए तो व्यक्ति की आर्थिक समस्याएँ दूर होती हैं और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।

स्वर्णाकर्षण भैरव साधना का महत्व

स्वर्णाकर्षण भैरव की साधना बेहद सरल है और शावर मंत्रों की यही विशेषता है कि यह जटिल नहीं होते।

  • यह साधना बेरोजगारी दूर करने में सहायक है।

  • व्यापार में आ रही रुकावटों को खत्म करती है।

  • घर में धन और बरकत बढ़ाने में मदद करती है।

साधना कब और कैसे करें?

उपयुक्त समय

  • किसी भी शुक्रवार के दिन यह साधना शुरू करें।

  • यदि शुक्रवार को पूर्णिमा हो, तो यह और भी शुभ माना जाता है।

  • अन्यथा किसी भी पूर्णिमा तिथि से भी इसे प्रारंभ कर सकते हैं।

आवश्यक स्थान

  • अपने घर के पूजन स्थल पर,

  • किसी स्थानीय भैरव मंदिर में,

  • किसी शिव मंदिर या देवी पीठ पर भी यह साधना की जा सकती है। अथवा जो भी शांत वातावरण आपको मिले, वह यह साधना की जा सकती है।

यदि आपके पास स्वर्णाकर्षण भैरव यंत्र या मूर्ति है तो उत्तम है, अन्यथा भगवान शिव के स्वरूप की भावना करके भी यह साधना की जा सकती है।

साधना की विधि

  1. स्नान करके पवित्र हो जाएँ।

  2. पूजन स्थल पर दीप जलाएँ।

  3. भैरव जी से अपनी आर्थिक मनोकामना (जैसे बेरोजगारी, व्यापार की दिक्कतें, बरकत की कमी) को स्पष्ट रूप से प्रार्थना करें।

  4. स्फटिक की माला से निम्न मंत्र का प्रतिदिन 1 माला या 3 माला जप करें।

  5. यह प्रयोग लगातार 90 दिनों तक करें।

स्वर्णाकर्षण भैरव मंत्र

“भैरव भैरव सुवर्ण भैरव, आन आन द्रव्य आन
तुरन्त आन, भर भंडार
नाही भरे तो माता पार्वती की आन।।”

इस मंत्र के कई पाठ भेद हैं। सभी सही हैं और प्रयोजन के अनुसार अलग-अलग फल देते हैं।

साधना के दौरान तीन सावधानियाँ

  1. पीले रंग का महत्व – साधना के समय पीले रंग का अधिक उपयोग करें। जैसे पीले वस्त्र, पीला आसन, भोग में बेसन के लड्डू या केसर युक्त खीर।

  2. गोपनीयता – जब तक साधना पूरी न हो, इस प्रयोग के बारे में किसी से चर्चा न करें। केवल गुरु या मार्गदर्शक को ही बताना उचित है।

  3. समापन पर दान – जब जप पूर्ण हो जाए तो छोटे बच्चों (5–7 वर्ष) को मिठाई बाँटकर इस साधना का समापन करें।

साधना का लाभ

यदि आप यह साधना पूरी श्रद्धा और विधि से करते हैं तो –

  • आपके जीवन की आर्थिक समस्याएँ धीरे-धीरे समाप्त होंगी।

  • बेरोजगारी और धन की रुकावट दूर होगी।

  • व्यापार और घर में समृद्धि और बरकत बनी रहेगी।

निष्कर्ष

स्वर्णाकर्षण भैरव साधना एक अत्यंत प्रभावी और सरल उपाय है, जिसे हर कोई कर सकता है। यदि आप आर्थिक समस्याओं से परेशान हैं और अपने जीवन में सुख-समृद्धि चाहते हैं, तो इस साधना को अवश्य अपनाएँ।

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