
जीवन में कई बार ऐसा समय आता है जब हम हर संभव प्रयास कर लेते हैं, पर सफलता बार-बार हाथ से फिसल जाती है। कभी रोग परेशान करता है, कभी नौकरी या व्यापार की बाधा सामने आती है, तो कभी दांपत्य या पारिवारिक समस्याएँ जीवन को बोझिल बना देती हैं।
ऐसे समय में इंसान का विश्वास भी डगमगाने लगता है। लेकिन हिन्दू धर्म में माँ भगवती जगदंबा का आह्वान हर समस्या का समाधान माना गया है। आज हम आपको एक ऐसा अनुभूत और सिद्ध मंत्र बता रहे हैं, जिसके लिए किसी विशेष अनुष्ठान या साधना की आवश्यकता नहीं है। केवल भावपूर्ण प्रार्थना और श्रद्धा ही इसके लिए पर्याप्त है।
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क्यों विशेष है यह मंत्र?
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यह मंत्र स्वयं सिद्ध और प्रकट है।
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इसे किसी गुरु-दीक्षा या विशेष अनुष्ठान की आवश्यकता नहीं है।
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आप इसे चलते-फिरते भी कर सकते हैं।
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इसमें किसी प्रकार का विधि-निषेध नहीं है।
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केवल आस्था, विश्वास और भक्ति भाव से जप करना आवश्यक है।
किन-किन समस्याओं में लाभकारी
यह चमत्कारी मंत्र निम्न समस्याओं में अद्भुत परिणाम देता है:
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रोग व स्वास्थ्य संबंधी परेशानियाँ
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नौकरी या आजीविका की बाधाएँ
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दांपत्य जीवन की समस्याएँ
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व्यापार व आर्थिक संकट
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शत्रु बाधा या मानसिक अशांति
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जीवन में बार-बार असफलता
मंत्र जाप की सरल विधि
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किसी भी शुभ दिन पर सुबह स्नान करके शुद्ध हो जाएँ।
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माँ भगवती के किसी भी रूप — नवदुर्गा, दस महाविद्या, कुलदेवी या किसी अन्य स्वरूप की मूर्ति/चित्र के सामने बैठें।
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घी का दीपक जलाएँ। यदि संभव न हो तो तिल के तेल या सरसों के तेल का दीपक भी प्रयोग कर सकते हैं।
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तंत्रशास्त्र में सरसों के तेल के दीपक पर किसी प्रकार का निषेध नहीं है।
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फूल, अगरबत्ती, नैवेद्य आदि उपलब्ध हों तो अर्पित करें।
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भावपूर्ण प्रार्थना करें और मंत्र का जाप करें।
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संख्या का कोई बंधन नहीं है। चाहें तो एक माला (रुद्राक्ष की) जपें या जितनी देर एकाग्र होकर जाप कर सकें, उतना पर्याप्त है।
चमत्कारी मंत्र
या भुज ते महिषासुर मारि औ शुम्भ निशुम्भ दोऊ दल थंबा।
आरत हेतु पुकारत हौं जाई कहाँ बैठी जगदम्बा ।
खड्ग टूटो कि खप्पर फूटो कि सिंह थको तुमरो जगदम्बा।
आज तोहे माता भक्त शपथ बिनु शान्ति दिये जनि सोवहु अम्बा।।
यह मंत्र माँ से एक बालक की तरह पुकार है — जैसे कोई बच्चा शिकायत करता है कि “माँ! आप मेरी रक्षा क्यों नहीं कर रही? मेरी समस्या क्यों समाप्त नहीं हो रही?”
विशेष नियम
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इस मंत्र का मानसिक जाप या उपांशु जाप करने से भी अच्छा लाभ उच्चारण के साथ जप करने से होता है।
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चलते-फिरते, काम करते हुए भी इस मंत्र का उच्चारण के साथ जप किया जा सकता है।
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जब आपकी मनोकामना पूर्ण हो जाए, तो माँ भगवती को धन्यवाद देने के लिए कन्या पूजन अवश्य करें।
निष्कर्ष
यदि आप जीवन में किसी बड़ी समस्या से जूझ रहे हैं और हर उपाय करने के बाद भी सफलता नहीं मिल रही, तो श्रद्धा और भक्ति भाव से इस मंत्र का जाप करें। माँ भगवती निश्चित ही आपकी मनोकामना पूर्ण करेंगी और आपको कठिनाइयों से मुक्ति दिलाएँगी।
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