जब प्रेमी या जीवनसाथी दूर चला जाए: उन्हें वापस लाने का शक्तिशाली वशीकरण प्रयोग

एक भारतीय साधु अबीर और दीपक के साथ प्रेम को वापस लाने का तांत्रिक प्रयोग करते हुए, पृष्ठभूमि में धुंधली छवि में प्रेमी जोड़े का प्रतीकात्मक चित्र।
पारंपरिक तांत्रिक प्रयोग द्वारा पति-पत्नी या प्रेमी-प्रेमिका के टूटे रिश्ते को फिर से जोड़ा जा सकता है।

कभी-कभी जीवन में ऐसा समय आता है जब जिनसे हम सबसे ज़्यादा प्रेम करते हैं, वही व्यक्ति हमसे दूर हो जाता है। विशेष रूप से पति-पत्नी के संबंधों में जब दूरियाँ बढ़ने लगती हैं, तो मानसिक तनाव और भावनात्मक पीड़ा बढ़ जाती है। कई बार लाख कोशिशों, माफ़ी माँगने और समझाने के बावजूद भी जीवनसाथी वापस नहीं आता। ऐसे में एक आध्यात्मिक प्रयोग आपके लिए संजीवनी सिद्ध हो सकता है।

यह उपाय किनके लिए है?

यह प्रयोग विशेष रूप से उन लोगों के लिए है:

  • जिनका प्रेमी या जीवनसाथी उनसे दूर हो गया है।

  • जिनके वैवाहिक संबंधों में तनाव आ गया है।

  • जब पत्नी मायके चली गई हो और वापस नहीं आ रही हो।

  • जब किसी तीसरे व्यक्ति के कारण संबंध बिगड़ गए हों।

  • जब चाहकर भी संबंध पहले जैसे मधुर नहीं बन पा रहे हों।

यह उपाय पति या पत्नी, दोनों में से किसी एक के द्वारा किया जा सकता है, लेकिन अगर पति यह उपाय अपनी दूर चली गई पत्नी के लिए करता है, तो इसका प्रभाव बहुत तीव्र होता है।

इस उपाय के लिए आवश्यक सामग्री

आपको केवल दो चीजों की आवश्यकता होगी:

  1. अबीर (रंग गुलाल जैसा)

  2. शुद्ध गुग्गुल 

ये दोनों चीजें आसानी से किसी भी स्थानीय बाजार में मिल जाती हैं।

प्रयोग की विधि

1. सही दिन का चयन

इस उपाय को किसी भी शुक्रवार को शुरू करें। शाम या रात में करना अधिक प्रभावशाली होता है, लेकिन यदि संभव न हो तो दिन में भी किया जा सकता है – बस वातावरण पवित्र होना चाहिए।

2. ईश्वर की आराधना

जिस ईश्वर में आप आस्था रखते हैं उनकी पूजा करें। ध्यान रखें कि:

  • गायत्री देवी की उपासना करने वालों को यह प्रयोग नहीं करना चाहिए।

  • वे किसी भी देवी की, सूर्य देव या भगवान शिव की अथवा अपने इष्ट की आराधना कर सकते हैं।

3. सामग्री को व्यवस्थित करें

  • एक बर्तन में अबीर रखें।

  • पास में दीपक जलाकर रखें जिसमें शुद्ध घी का उपयोग हो।

  • एकाग्र होकर अबीर को देखते हुए नीचे दिए गए मंत्र का जप करें।

प्रयोग की अवधि

  • यह जप 15 मिनट से 30 मिनट तक करें।

  • इसे आप 7 दिन, 11 दिन, 21 दिन या 41 दिन तक कर सकते हैं।

  • सामान्यतः प्रयोग के बीच में ही परिणाम दिखने लगते हैं।

विशेष उपाय (जब संपर्क नहीं हो पा रहा हो)

यदि वह व्यक्ति:

  • आपसे मिल नहीं रहा है, या

  • बहुत दूर है, या

  • कोई संपर्क नहीं है,

तो उसकी फोटो सामने रखें और हर दिन थोड़ी-थोड़ी मात्रा में अबीर उस फोटो पर डालते जाएँ, मंत्र जाप के साथ। मन में यह भावना रखें कि यह अबीर उस व्यक्ति के शरीर को स्पर्श कर रहा है।

अगर मिलना संभव हो

यदि कभी आप उस व्यक्ति से मिलते हैं, तो यह प्रयास करें कि उस अबीर का थोड़ा-सा अंश उस व्यक्ति को स्पर्श कर जाए – जैसे हाथ मिलाते समय, कपड़ों पर, या किसी माध्यम से।

यह उपाय तभी प्रभावी है जब आपकी भावना शुद्ध हो और आप सच्चे प्रेम से उस व्यक्ति को वापस पाना चाहते हों। यह किसी को वश में करने या हानि पहुँचाने के लिए नहीं है। ऐसा प्रयोजन करने पर यह मंत्र काम नहीं करेगा

मंत्र

आकाश की जोगनी पाताल का नाग,
उड़जा अबीर तू फलानी के लाग।
सूते सुख न बैठे सुख, फिर फिर देखे मेरा मुख।
हमकूँ छाड़ि दूसर के संग जाय तो
काढ कलेजा नाहरसिंह वीर खाय।
फुरो मंत्र इश्वरो वाचा।।

👉 महत्वपूर्ण:
मंत्र में जहाँ “फलानी” शब्द है, वहाँ उस व्यक्ति का पूरा नाम लें। उदाहरण: यदि उस व्यक्ति का नाम रीता है, तो मंत्र इस प्रकार जपें – “उड़ जा अबीर तू रीता के लाग…”

सावधानियाँ

  • यह प्रयोग किसी के अहित के लिए न करें।

  • भावना पवित्र और उद्देश्य सकारात्मक होना चाहिए।

  • किसी की इच्छा के विरुद्ध उसे बाँधने का प्रयत्न न करें।

  • सच्चा प्रेम और संबंध की पुनः स्थापना ही इसका उद्देश्य है।

निष्कर्ष

जीवन में रिश्तों का टूटना बेहद दर्दनाक होता है, लेकिन यदि भावनाएं सच्ची हों और नीयत साफ़ हो, तो आध्यात्मिक उपायों से बहुत कुछ संभव हो सकता है। यह प्रयोग न केवल आपके प्रेमी या जीवनसाथी को वापस लाने में मदद कर सकता है, बल्कि आपके जीवन में फिर से प्रेम और स्थिरता ला सकता है।

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