शत्रु नाशक साधना (Shatru Nashak Sadhana) – यह समस्त शत्रुओं का नाश करने वाला घातक प्रयोग है। यह प्रयोग हर प्रकार के शत्रुओं का नाश करने में प्रबल है।
मनुष्य के जीवन में चाहे आन्तरिक शत्रु जैसे काम, क्रोध, मोह, लोभ, अहंकार आदि हों या बाहर के शत्रु हों, इनके कारण जीवन की गति थम सी जाती है। कब कोई शत्रु आक्रमण करके जीवन लीला समाप्त कर दे, कुछ पता नहीं।
शत्रु जीवन में कोई भी विषमता पैदा कर के जीवन को कठिन बना सकता है। जीवन में शत्रु का होना बड़ी बात नहीं है, बड़ी बात है, उनसे लड़कर विजयी होना और जीवन में पूर्णता प्राप्त करते हुए समाज में अपने आप को स्थापित करना।-
इसके लिए आवश्यक है कि आप इस शत्रु नाशक साधना (Shatru Nashak Sadhana) को कभी न कभी अवश्यक सम्पन्न करें। शत्रुओं का नाश करने वाले इस प्रयोग को जब आप अपने जीवन में उतारेंगे तो आप सभी जाने अनजाने शत्रुओं से सुरक्षित रहेंगे।
शत्रु नाशक साधना (Shatru Nashak Sadhana)
किसी भी महीने की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि के रात्रि में यह प्रयोग सम्पन्न करें। मात्र एक ही दिन की साधना है। इसके लिए साधक को चाहिए कि वह चतुर्थी के दिन काले कपड़े का प्रबन्ध करे।
काले कपड़े में मुठ्ठी भर काला तिल, 7 कोयले के टुकड़े और 7 लोहे की कीलें रख दें। उसके बाद उसी सामग्री के सामने लोबान, धूप और दीप जलावे और कुमकुम से तिलक कर दे। उसके बाद शत्रु नाशक साधना (Shatru Nashak Sadhana) के सफलता के लिए काली हकीक माला से जाप करना है।
काली हकीक माला से, सभी शत्रुओं के परास्त होने का चिंतन करते हुए निम्न मंत्र का तीन माला जाप करें।
शत्रु नाशक मंत्र – ।। ऊँ क्रीं मम् समस्त शत्रुणां शत्रुभय चौर्यभय निवृत्तम् क्रीं फट्।।
Shatru Nashak Mantra – ।। Om Krim Mam Samast Shatrunam ShatruBhay ChauryaBhay Nivrittam Krim Phat।।
शत्रु नाशक साधना (Shatru Nashak Sadhana) का यह जप पूरा होने के बाद समस्त सामग्री की पोटली बनाकर उसी रात्रि में नदी या कुण्ड में प्रवाहित कर दें या घर से दूर कहीं जमीन में गाड़ दें।
शत्रु नाशक साधना (Shatru Nashak Sadhana) बहुत ही महत्वपूर्ण है और समस्त गृहस्त व्यक्ति को इसे अवश्यक सम्पन्न कर लेना चाहिए। इस प्रयोग को कर लेने के बाद वे सभी शत्रु पक्ष से सुरक्षित एवं आनन्दित रहेंगे।
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