नपुंसकता का इलाज/नामर्दी का इलाज : दोस्तों आज की युवा पीढ़ी अपने अनैतिक कार्य कलापों एवं यौन स्वच्छन्दता के चलते बहुत ही कम उम्र में नपुंसकता का शिकार होती जा रही है।
खान-पान एवं रहन-सहन में अनुशासनहीनता के चलते युवाओं के शरीर में अभी पूर्ण वृद्धि भी नहीं हुआ रहता है कि यौन उत्तेजना में आकर एवं गंदे चलचित्र दर्शन के कारण अत्यधिक हस्तमैथुन करके युवा जवानी में ही अपना सब कुछ बर्बाद कर लेते हैं।
दोस्तों ऐसा नहीं है कि नपुंसकता या नामर्दी का इलाज संभव नहीं है, यदि बिना भ्रमित हुए अच्छे वैद्य के देख-रेख में इलाज कराया जाए तो नपुंशकता का इलाज संभव है। अन्यथा झोला छाप डाक्टरों एवं वैद्यों के चक्कर में धन और समय के साथ सब कुछ बर्बाद हो जाता है।
दोस्तों, आज हम आप के लिए नामर्दी का इलाज के लिए ऐसा घरेलू नुस्खा लाएं हैं जो आपके दुखी जीवन को खुशियों से भर देगा एवं आप अनावश्यक धन व्यय करने से भी बच जाएंगें।
शुरु करने से पहले आइए जान लेते हैं कि नपुंशकता के लक्षण या नामर्दी के लक्षण क्या होते हैं ताकि इलाज के समय किसी भी प्रकार का भ्रम न रहे।
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नपुंसकता के लक्षण या नामर्दी के लक्षण
नपुंसकता के लक्षण या नामर्दी के लक्षण : कई बार रोगी यह समझ ही नहीं पाता कि वह नपुंसकता का शिकार हो चुका है। जिसके चलते उसका वैवाहिक जीवन खतरे में पड़ जाता है और खून के आंसू रोने के अलावा कुछ नहीं बचता है।
नपुंशकता के लक्षण या नामर्दी के लक्षण निम्नलिखित प्रकार के हो सकते हैं-
- कामेच्छा का समाप्त हो जाना अर्थात रोगी को संभोग करने का थोड़ा भी मन नहीं करता है। उसके अन्दर सेक्स की इच्छा ही नहीं जागृत होती है।
- लिंग में पूरी तरह तनाव नहीं आता है। शुरु में कुछ देर के लिए थोड़ा तनाव रहेगा परन्तु कुछ ही देर में में लिंग पूरी तरह ढीला हो जाएगा।
- वीर्य का जल्दी निकल जाना भी नपुंसकता की श्रेणी में आता है।
- किसी भी काम में मन नहीं लगता है। हर वक्त रोगी तनाव में रहता है।
- शरीर में हर पल ऊर्जा की कमी महशूस होती है।
दोस्तों, ऊपर जो नपुंसकता के लक्षण या नामर्दी के लक्षण बताए गये हैं यह सामान्य लक्षण हैं और प्रत्येक व्यक्ति जो इस रोग का शिकार है उसमें अवश्य ही ये लक्षण दिखाई देंगे। आइए अब जानते हैं नपुंशकता का इलाज या नामर्दी का इलाज के बारे में।
नपुंसकता का इलाज या नामर्दी का इलाज
दोस्तों आज हम नपुंसकता का इलाज या नामर्दी का इलाज के लिए आपको जो नुस्खा बताने जा रहें है वह पूरी तरह प्राकृतिक जड़ी-बूटियों के प्रयोग पर निर्भर है और यह 100 प्रतिशत कार्य करता है।
आपको बताए विधि से घर पर ही दवा का निर्माण करना है एवं बताए गये खुराक के अनुसार इसका सेवन करना है। यदि अनुशासित तरीके से इस प्रयोग को किया जाए तो चालीस दिन के अन्दर अद्भुत लाभ दिखाई देंगे।
नपुंशकता या नामर्दी के इलाज के लिए दवा निर्माण विधि
निम्न जड़ी-बूटियों का चूर्ण दिये गये परिमाण में इकठ्ठा कर लें-
- जावित्री का चूर्ण-10 ग्राम
- जायफल का चूर्ण-10 ग्राम
- अकरकरा का चूर्ण-10 ग्राम
- पिपरामूल का चूर्ण-10 ग्राम
- पिप्पली का चूर्ण-10 ग्राम
- आक (मदार) का दूध-30 ग्राम
उपरोक्त सभी काष्ठ औषधियों के चूर्ण को आपस में अच्छी तरह मिला लें। मिलाने के बाद आपके पास कुल 50 ग्राम चूर्ण का मिश्रण हो जाएगा। यह भी पढ़ें- लिंग की कमजोरी एवं शिथिलता से परेशांन हैं? लिंग समस्या का समाधान
आप चाहें तो इन औषधियों को नीचे दिये गये लिंक द्वारा अमेजन से खरीद सकते हैं-
खरीदें जावित्री का चूर्ण- https://amzn.to/3ioEAMt
खरीदें जायफल का चूर्ण- https://amzn.to/3C8AIXI
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इस चूर्ण में 30 ग्राम आक (मदार) के दूध को डालकर अच्छी तरह मिलाएं जबतक कि मदार का दूध पूरी तरह चूर्ण में मिलकर एकजान न हो जाए। अब इस चूर्ण को गुड़ के साथ मिलाकर चने के आकार की गोलियां बना लें और सुबह-शाम दूध के साथ सेवन करें।
याद रहे कि यह दवा खाली पेट ही लेना है तथा दवा लेने के कम से कम दो घंटे तक कुछ भी खाना या पीना नहीं है। दवा सेवन के साथ-साथ आपको लिंग पर प्रतिदिन सोते समय तेल की मालिश करनी है जिससे आपके नपुंसकता का इलाज या नामर्दी का इलाज पूरी तरह सफल हो सके।
लिंग पर मालिश करने के लिए तेल बनाने की विधि
ऊपर जो औषधियां बताई गयी हैं उन्हें 10-10 ग्राम की मात्रा में लेना है अर्थात् जावित्री का चूर्ण-10 ग्राम, जायफल का चूर्ण-10 ग्राम, अकरकरा का चूर्ण-10 ग्राम, पिपरामूल का चूर्ण-10 ग्राम, पिप्पली का चूर्ण-10 ग्राम और आक (मदार) का दूध-10 ग्राम। यदि आपको कही पीली ततैया का छत्ता मिल जाए तो 10 ग्राम की मात्र में उसे भी ले सकते हैं, यदि नहीं मिले तो छोड़ दें।
उपरोक्त सभी औषधियों को आपस में अच्छी तरह मिलाकर 200 ग्राम तिल के तेल में डालकर एकदम कम आंच पर धीरे-धीरे चला-चला कर पकाना है। जब तेल एक चौथाई रह जाए तो पूरी दवा को ठंडा होने के लिए एक घंटा के लिए ढ़क कर रख दें।
जब दवा ठंडा हो जाए तो तेल को कपड़े से अच्छी तरह छान कर अलग कर लें एवं इस तेल से प्रतिदिन सोने से पहले लिंग के ऊपरी हिस्से पर अच्छी तरह दो मिनट मालिश करें। यह भी पढ़ें- महिला बवासीर के 05 अचूक घरेलू उपचार
यदि संभव हो तो मालिश करने के बाद पान के पत्ते को गरम करके सूत के धागे से लिंग पर बांध दें। जब रात में या सुबह लिंग में तनाव आ जाए तो पत्ते को फेंक दें।
इस प्रकार कम से कम 40 से 60 दिन तक बताए गये विधि अनुसार दवा सेवन करते हुए तेल का भी स्तेमाल करने से नपुंसकता का इलाज या नामर्दी का इलाज पूर्ण होता है। और रोगी पुनः अपने आप में युवा जोश एवं ताकत का अनुभव करता है।
दोस्तों उम्मीद करता हूं कि इस प्रयोग को करके आप अपने जीवन को सुखमय बना लेंगे।
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