उदरशूल या पेट दर्द का इलाज : पेट में दर्द की विकृति अनेक कारणों से हो सकती है। अधिक शीतल खाद्य पदार्थों के सेवन करने पर वात विकार के कारण उदरशूल या पेट दर्द (Stomachache) की उत्पत्ति होती है। संक्रमित भोज्य पदार्थ एवं मिर्च-मसाला का सेवन पेट दर्द (Colic) का मुख्य कारण है।
गरिष्ठ भोज्य पदार्थों के सेवन से भी उदरशूल (Colic) होता है। अक्सर देर से सोने के कारण अधिकांश लोग सुबह देर से उठते हैं। अपने काम की आपाधापी एवं समय की कमी के कारण कई-कई लोग शौच नहीं जाते हैं और परिणामतः पेट दर्द की विकृति से घिर जाते हैं।
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उदरशूल या पेट दर्द के लक्षण (Symptoms of Colic/Stomachache)
उदरशूल या पेट दर्द के लक्षण : पेट दर्द का इलाज के बारे में जानने से पहले हम जानेंगे पेट दर्द के लक्षण के बारे में ताकी रोग की सही से पहचान हो सके। क्योंकि जबतक रोग का सही पहचान नहीं होगा तब तक उसका सही-सही इलाज संभव नहीं है।
उदरशूल या पेट दर्द के निम्नलिखित लक्षण हो सकते हैं-
- पेट में जलन की अनुभूति होना। यह भी पढ़ें-सहजन : पौष्टिकता से भरपूर एक दिव्य खाद्य पदार्थ
- रुक-रुक कर पेट में गड़गड़ाहट की आवाज आना।
- खट्टी डकार के साथ सीने में जलन होना।
- पेट में गैस बनना।
- पेट का फूल जाना एवं पेट में चुभन होना।
- हल्के बुखार का आभास होना। यह भी पढ़ें-दादी मां के नुस्खे | Dadi Maa Ke Nuskhe
पेट दर्द का इलाज (Colic Treatment) आयुर्वेदिक घरेलू प्रयोगों द्वारा
पेट दर्द का इलाज करने के लिए निम्नलिखित आयुर्वेदिक घरेलू प्रयोगों को आजमाया जा सकता है-
- संतरे के 50 ग्राम रस में थोड़ी सी भुनी हुई हींग और काला नमक पीसकर, मिलाकर सेवन करने से उदरशूल नष्ट हो जाता है।
- उड़द की दाल, चावल, अरवी, कचालू आदि वात कारक चीजें खाने पर यदि उदरशूल होने लगे तो 5 ग्राम हल्दी के चूर्ण में 3 ग्राम सेंधा नमक मिलाकर हल्के गरम जल के साथ रोगी को सेवन कराने से पेट दर्द से राहत मिलती है।
- नींबू के 5 ग्राम रस में काली मिर्च का 1 ग्राम चूर्ण और अदरक का 5 ग्राम रस मिलाकर सेवन करने से रोग से बहुत आराम मिलता है।
- 3 ग्राम दालचीनी के चूर्ण में 3 ग्राम केसर का चूर्ण मिलाकर हल्के गरम जल के साथ सेवन करने से उदरशूल नष्ट होता है।
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- सोंठ, हींग और सहजने की छाल, इन तीनों चीजों को बराबर मात्रा में लेकर, किसी खरल में जल के साथ घोंटकर, शुष्क होने पर छोटी-छोटी गोलियां बना लें। उदरशूल होने पर दिन में दो-तीन बार जल के साथ गोलियों का सेवन करने से शूल तुरंत नष्ट हो जाता है।
- नीलगिरी के तेल की 5-6 बूंदें 5 ग्राम शक्कर में मिलाकर सेवन करने से उदरशूल शीघ्र नष्ट हो जाता है।
- भांगरे के 10 ग्राम पत्तों को पीसकर जल में मिलाकर, उसमें थोड़ा सा काला नमक डालकर, छानकर पीने से पेट दर्द समाप्त हो जाता है।
- सेंधा नमक, काला नमक और विड लवण (नौसादर), चव्य, सोंठ, पिप्पली मूल, हींग और चित्रक को बराबर मात्रा में लेकर कूट-पीसकर खूब बारीक चूर्ण बना लें। 3 ग्राम चूर्ण हल्के गरम जल के साथ दिन में दो-तीन बार सेवन करने से उदरशूल नष्ट हो जाता है।
- सोंठ की जड़, एरंड की जड़, बड़ी और छोटी कटेरी, गोखुर और खरेटी को जल में उबालकर काढ़ा बना लें। इस काढ़े को छानकर उसमें थोड़ी सी हींग मिलाकर सेवन करने से गैस के कारण उत्पन्न पेट दर्द में लाभ मिलता है।
- सोंठ, हींग, काला नमक और कंजा की मिंगी, सब चीजें बराबर मात्रा में लेकर कूट-पीसकर चूर्ण बना लें। 3 ग्राम चूर्ण हल्के गरम पानी के साथ सेवन करने से वायु विकार के कारण उत्पन्न उदरशूल शिघ्र नष्ट हो जाता है। यह दवा दिन में दो-तीन बार सेवन कर सकते हैं।
- हरड़ों को गो मूत्र में पकाकर, सुखाकर रखें। फिर इनका चूर्ण बना लें। इस चूर्ण में बराबर मात्रा में मण्डूर भष्म मिलाकर रख लें। 3 ग्राम चूर्ण गुड़ के साथ सेवन करने से सब तरह के पेट का दर्द नष्ट हो जाता है।
- अगर को 10 ग्राम मात्रा में लेकर जल के साथ पीसकर पेट पर लेप करने से कुछ ही देर में उदरशूल नष्ट हो जाता है। यदि शीत ऋतु हो तो अगर को हल्का सा गर्म करके लेप करना चाहिए।
- काला नमक और अजमोद 10-10 ग्राम मात्रा में लेकर, कूट पीसकर बारीक चूर्ण बना लें। 3 ग्राम मात्रा हल्के जल के साथ सेवन करने से पेट दर्द का इलाज हो जाता है।
- हींग और सेंधा नमक गोमूत्र के साथ गरम करके पेट पर लेप करने से तुरंत शूल नष्ट हो जाता है। यह भी पढ़ें-कब्ज का रामबाण इलाज | कब्ज से कैसे बचें – 15 प्रभावी घरेलू उपाय
- चंपा के ताजे व कोमल पत्तों को कूट-पीसकर उसका रस निकाल लें। 5 ग्राम रस में शहद मिलाकर दो-तीन बार पीने से बहुत लाभ मिलता है।
- अनार का रस पीने से उदरशूल नष्ट हो जाता है।
- खुरासानी अजवायन का 3 ग्राम चूर्ण गुड़ के साथ सेवन करने से उदरशूल नष्ट हो जाता है।
- बड़ी इलायची का चूर्ण बनाकर 1 या 2 ग्राम चूर्ण हल्के गरम जल के साथ सेवन करने से उदरशूल नष्ट हो जाता है।
- अश्वगंधा का 3 ग्राम चूर्ण लेकर उसमें 1 ग्राम इलायची का चूर्ण मिलाकर जल के साथ सेवन करने से गर्भावस्था में उत्पन्न उदरशूल नष्ट हो जाता है।
- अदरक के 5 ग्राम रस में नींबू का 5 ग्राम रस मिलाकर उसमें 2 ग्राम काली मिर्च का चूर्ण मिलाकर सेवन करने से बहुत जल्दी पेट दर्द का इलाज हो जाता है।
- दालचीनी को खूब बारीक पीसकर 1 ग्राम चूर्ण हल्के गरम जल के साथ सेवन करने से पलक झपकते ही उदरशूल का इलाज हो जाता है।
- अनार के सूखे दानों को कूट-पीसकर बारीक चूर्ण बना लें। 3 ग्राम चूर्ण हल्के गरम जल के साथ सेवन करने से पेट दर्द में बहुत आराम मिलता है।
- सांठ, हरड़, सेंधा नमक, निशोथ और पीपल, इन सभी वनौषधियों को 10-10 ग्राम मात्रा में लेकर कूट-पीसकर बारीक चूर्ण बना लें। इस चूर्ण को कपड़े से छानकर रखें। 3-3 ग्राम चूर्ण हल्के गरम जल के साथ सेवन करने से पेट दर्द समाप्त हो जाता है।
- एरंड की जड़ की छाल को अगर के साथ पीसकर हल्का सा गरम करके पेट पर लेप करने से उदरशूल नष्ट हो जाता है। शीत ऋतु में उत्पन्न उदरशूल शीघ्र नष्ट हो जाता है।
- गजपीपल का चूर्ण बनाकर 2-3 ग्राम चूर्ण हल्के गरम जल के साथ सेवन कराने से उदरशूल नष्ट हो जाता है। यह भी पढ़ें-लिंग की कमजोरी एवं शिथिलता से परेशांन हैं? लिंग समस्या का समाधान
- चित्रक, आंवला, सोंठ, सोंवचेल, इलायची और अजमोद को 10-10 ग्राम मात्रा में लेकर सबको अलग-अलग कूट-पीसकर बाद में एक साथ मिलाकर रखें। 3-3 ग्राम चूर्ण हल्के गरम जल के साथ सेवन करने से उदरशूल का इलाज हो जाता है।
उदरशूल या पेट दर्द से बचाव के उपाय
हर व्यक्ति को यह बात हमेशा ध्यान रखना चाहिए कि किसी भी रोग का इलाज, उस रोग को उत्पन्न करने वाले कारणों से स्वयं का बचाव ही है। निम्न उपाय अपनाकर आप पेट दर्द या उदरशूल से स्वयं को बचा सकते हैं।
- गरिष्ठ एवं देर से पचने वाले भोज्य पदार्थां का त्याग करें।
- रात्रि में बिल्कुल हल्का भोजन करें एवं खाना खाने के कम से कम तीन घण्टे बाद सोयें।
- चाइनीज भोज्य पदार्थों से दूर रहें।
- कब्ज ना होने दें। यदि कब्ज हो जाए तो इसके लिए विरेचन औषधियों का समय-समय पर प्रयोग करके पेट को साफ रखें।
- अपने भोजन में सलाद एवं हरी सब्जियों को सम्मिलित करें। चोकर युक्त आटे का प्रयोग करें।
- सुबह जल्दी उठें एवं व्यायाम और योगा को अपने जीवनशैली में अवश्य सम्मिलित करें।
दोस्तों इस लेख में आपने पेट दर्द का इलाज, पेट दर्द के लक्षण एवं बचाव के उपाय के बारे में जाना। अब हम कुछ ऐसे प्रश्नों का उत्तर देने की कोशिश करेंगे जो अक्सर पेट दर्द के सम्बन्ध में लोगों द्वारा पूछा जाता है।
गैस का दर्द कहां कहां होता है?
गैस का दर्द पेट में दायीं तरफ सूई के चुभन जैसा हो सकता है। गैस के दर्द के कारण नाभि के पास एेंठन और सीने में चुभन भी हो सकता है। पेट में भारीपन एवं पेट के मध्य भाग में मीठा-मीठा दर्द हो सकता है।
कैसे 5 मिनट में एक पेट में दर्द से छुटकारा पायें?
दालचीनी को खूब बारीक पीसकर 1 ग्राम चूर्ण हल्के गरम जल के साथ सेवन करने से पलक झपकते ही उदरशूल नष्ट हो जाता है। ऊपर दिये और भी उपायों को अपना सकते हैं। यह भी पढ़ें-आंवला पाक बनाने की विधि
पेट दर्द के लिए कौन सी टेबलेट लेनी चाहिए?
यदि आप एलोपैथिक दवा का प्रयोग करना चाहते हैं तो अपने मन से बिलकुल भी दवा का प्रयोग न करें। डाक्टर से सम्पर्क करें और चेकअप के बाद ही दवा लें।
पेट दुखे तो क्या करना चाहिए?
पेट दुखने पर ऊपर बताए गये आयुर्वेदिक उपायों को आजमा सकते हैं। जितने भी उपाय बताए गयें है वह उनका कोई भी साइड इफेक्ट नही है। सभी आयुर्वेदिक ग्रंथों से लिये गये हैं।
इस लेख में पेट दर्द का इलाज, पेट दर्द के लक्षण एवं उचाव के उपाय के बारे में विस्तृत चर्चा की गई है। यदि आपको यह लेख पसंद आया हो तो इसे अवश्य शेयर करें एवं इस ज्ञान को दूसरों तक भी पहुंचाएं।
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