स्कन्दचालनासन खड़े होकर किये जाने वाले आसनों में अत्यन्त महत्वपूर्ण है। इस आसन से शरीर के उर्ध्व भाग जैसे कंधा, गर्दन आदि का अच्छा व्यायाम हो जाता है। इस आसन को कम से कम पांच-पांच बार अवश्य करना चाहिए।
इस आसन में कंधों को ऊपर नीचे चलाया जाता है। इसलिए इसे स्कन्दचालनासन के नाम से जाना जाता है।
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स्कन्दचालनासन करने की विधि
- स्कन्दचालनासन करने के लिए दोनों पांवों को मिलाकर सीधा खड़ा होना चाहिए। दोनों हाथों को शरीर के साथ सीधे नीचे रखते हुए दोनों कन्धों को ऊपर-नीचे चलाना चाहिए।
- पीठ के पीछे दोनों हाथों को एक-दूसरे से पकड़कर कन्धों को आगे-पीछे हिलाना चाहिए।
- दोनों हाथों की उंगलियों तथा अंगूठे मिलाते हुए दोनों कन्धों पर रखकर उन्हें चारो तरफ घुमाना चाहिए।
- दोनों हाथों की कुहनियों को पास-पास रखते हुए, आधे हाथों को आगे-पीछे फैलाना और मोड़ना चाहिए।
स्कन्दचालनासन करने के लिए नीचे दिये चित्र का अनुसरण करें-
स्कन्दचालनासन |
स्कन्दचालनासन करने के लाभ
स्कन्दचालनासन सरल आसन होते हुए भी बहुत फायदेमंद आसन है। शरीर का उर्ध्वभाग जैसे कि कन्धा, भुजाएं एवं गर्दन शरीर का मुख्य शक्ति केन्द्र हैं। इस आसन से इन अंगों को भरपूर पुष्टता प्राप्त होती है।
स्कन्दचालनासन करते समय सावधानियां
- स्कन्दचालनासन को करते समय ध्यान रहे कि आपका मुंह दक्षिण दिशा की ओर न रहे।
- आसन करते समय शरीर का संचालन धीरे-धीरे करें।
स्कन्दचालनासन में ध्यान
स्कन्दचालनासन करते हुए ध्यान लगाने की आवश्यकता नहीं है। इस आसन को केवल शारीरिक व्यायाम के अंतर्गत रखें।