योगासन | YOGASANA

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YOGASAN

योगासन (YOGASANA) अष्टांग योग का तृतीय सोपान है। यह अष्टांग योगों में प्रथम पांच बहिरंग साधनों अथवा शारीरिक तपों में सर्वाधिक महत्व प्राप्त प्राणायाम का मुख्य आधार है। साथ ही स्वतंत्र रूप से भी यह शारीरिक दृढता तथा मनोबल प्राप्ति हेतु एक उत्तम विकल्प भी है।

योगासन (YOGASANA) करने सेव्यक्ति को शीत-उष्ण, सुख-दुख तथा मान-अपमानादि को अविचल भाव से सहन करने की शक्ति प्राप्त होती है। इसके अभाव में कोई भी साधक किसी भी साधना के योग्य नहीं बन पाता, न ही उसकी किसी भी साधना की कोई अर्थवत्ता ही होती है।

योगासन (YOGASANA) क्या है ?

सबसे महत्वपूर्ण बात यह समझना है कि योगासन क्या है ?  यौगिक साधना के दौरान एक साधक सुख पूर्वक स्थिरता से देर तक जिस आसन में बैठता है, उसे योगासन  (Yogasana) कहते हैं।

योग सूत्र के अनुसार –’’स्थिर सुखमासनम्’’

अर्थात जिसके द्वारा स्थिरता तथा सुख प्राप्त हो वही आसन है। आसन भी एक शारीरिक तपस्या है। जिस आसन में  लगाकर साधक देर तक सुखपूर्वक निश्चल रूप से स्थिर रह सके, वही आसन उसके लिए अधिक उपयोगी होता है।

अत्यधिक क्लेश अथवा पीड़ा पहुॅचाकर किए गये आसन से व्याधि ग्रस्त हुआ शरीर न तो किसी साधना के योग्य रहता है, न ही इस तपश्चर्या को सार्थक तथा युक्तिसंगत ही कहा जा सकता है।

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वैसे तो बड़े-बड़े योगियों ने आसन को साधकर उसी आसन में योग साधना की उचाईयों को छुआ है। इस प्रकार अनेकों आसनों का नाम उन्हीं साधकों के नाम पर  पड़ा। जैसे गोरखनाथ के नाम पर गोरक्षासन, मत्स्येन्द्रनाथ के नाम पर अर्ध मत्स्येन्द्रासन आदि।

योगासन केवल योगियों के लिए लिए ही नहीं है, अपितु साधारण मनुष्य के लिए भी परम कल्याणदायी, स्वास्थ्यवर्धक और हजारो व्याधियों का नाश करने वाला है।

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योगासन (YOGASAN) करने  के फायदें

योगासन (Yogasana) करने के निम्नलिखित  फायदे हैं-
  • योगासन करने से शरीर हृष्ट-पुष्ट  बनता है।
  • योगासन करने से मनुष्य की सहन शक्ति बढ़ती  है, जिससे वह अनेकों कठिनाईयों को बिना विचलित हुए पार कर लेता है।
  • सुख-दुःख में हमेशा स्थिर रहता है।
  • मन की एकाग्रता बढ़ती है।
  • योगासन करने से मनुष्य के आंतरिक शक्ति में आश्चर्यजनक वृद्धि होती है।
  • नियमित आसन करने से मोटापा कम होता है।
  • योगासन से शरीर में रक्त संचार सही ढंग से होता है, जिससे व्यक्ति को हृदयाघात की बीमारी से मुक्ति मिल जाती है।
  • आसन से मनुष्य के  पौरुष शक्ति में वृद्धि होती है।
  • नियमित योगासन (YOGASAN) करने से मन हमेशा प्रफुल्लित रहता है, एवं तनाव से मुक्ति मिल जाती है।

 

निष्कर्ष

दोस्तों इस लेख में आप ने पढ़ा की योगासन क्या है और इसके लाभ क्या-क्या हैं। मानव जीवन में योग आसन शारीरिक स्वास्थ्य के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी बहुत ही उपयोगी है।

मन की शक्ति को मजबूत बनाने और आत्म शक्ति के विकास के लिए योगासन बहुत ही उपयोगी है।

जिस प्रकार हम अपने जीवन में खाने-पीने, स्नान करने, उठने और जागने का समय निश्चित करते हैं, ठीक वैसे ही अपने जीवन के कुछ अनमोल क्षणों में से योग और आसन के लिए जरुर निश्चित करना चाहिए।

यदि हम मात्र अपने जीवन का बीस मिनट निकाल कर उस समय को योगासन (Yogasana) के लिए उपयोग करे तो यह बीस मिनट हमारे जीवन के बीस साल को सुरक्षित रखेगा।

हमें अपने ऋषि, मुनियों के प्रति आभार व्यक्त करना चाहिए कि उन्होंने हमें धरोहर स्वरूप योग और आसन रूपी इतना बड़ा विज्ञान प्रदान किए हैं। इस विज्ञान को इजाद करने में उन्होंने अपना जीवन बिता दिया।

अतः प्रत्येक मनुष्य को योगासन (Yogasana) करना चाहिए। प्रतिदिन योगासन करने से पूरा दिन तरोताजा एवं शरीर ऊर्जा से परिपूर्ण रहता है। योग को अपनाइये और अपने जीवन को सफल एवं सार्थक बनाइए।

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