Tantrik Items |
तंत्र के क्षेत्र में विशेष रूप से प्रयोग होने वाली कुछ महत्वपूर्ण तांत्रिक वस्तुओं (Tantrik Items) का विवरण यहाँ दिया जा रहा है-
Table of Contents
हत्था जोड़ी
सियार सिंघी
बिल्ली की नाल
कई तांत्रिक इस बिल्ली की झिल्ली को बिल्ली के खाने के पहले ही अपने कब्जे में कर लेते हैं। इस झिल्ली को ही बिल्ली की नाल कहा जाता है। यह तांत्रिक प्रयोगों में बहुत काम आती है।
सियार सिंघी, हत्थाजोड़ी एवं बिल्ली की नाल के प्रयोग से लाभ
- व्यापार में लाभदायक सिद्ध होती है।
- अकारण हानि से बचाव करती है एवं दुर्घटना से भी बचाव करती है।
- रुका हुआ, खोया हुआ अथवा दिया हुआ धन पुनः प्राप्त हो जाता है।
- व्यक्ति पर तांत्रिक प्रयोग आसानी से कार्य नहीं कर पाता।
- व्यवसाय बन्धन प्रयोग काम नहीं करता है।
कुछ दिनों में आपके व्यवसाय में प्रगति होनी शुरू हो जाएगी एवं व्यवसाय अथवा घर की सारी बाधाएं स्वतः ही दूर होती चली जाएंगी।
दक्षिणावर्त्त शंख
एकाक्षी नारियल
एकाक्षी नारियल के लाभ
- एकाक्षी नारियल लक्ष्मी का साक्षत स्वरूप माना जाता है।
- वेद-पुराणों में लिखा है कि जिसके घर में एकाक्षी नारियल स्थापित हो वहां से लक्ष्मी जा ही नहीं सकती।
- व्यक्ति के भाग्योदय में प्रबल सहायक है एकाक्षी नारियल।
- एकाक्षी नारियल स्थायी सम्पत्ति में सहायक होता है।
- इसे सुंघाने मात्र से स्त्री गर्भ के कष्ट से मुक्ति पा लेती है तथा सरलता से प्रसव होता है।
- जिस घर में एकाक्षी नारियल हो, वहां तांत्रिक प्रभाव असर नहीं करता।
- शुद्ध प्राण प्रतिष्ठित एकाक्षी नारियल का ही उपयोग करें।
स्फटिक शिवलिंग
सालीग्राम शिवलिंग
श्वेतार्क गणपति
श्वेतार्क गणपति के लाभ
- रोग नष्ट होकर स्वास्थ्य में सुधार होता है।
- व्यक्ति के चेहरे पर ओज उत्पन्न होता है।
- वशीकरण कार्यों में सहायक है।
- सौभाग्य वृद्धि में सहायक है।
- श्वेतार्क गणपति गृह रक्षा में सहायक है।
रुद्राक्ष
- एकमुखी रुद्राक्ष साक्षात लक्ष्मी का प्रतीक है।
- एकमुखी रुद्राक्ष धारण करने से स्वास्थ्य में सुधार आता है।
- रुद्राक्ष माला धारण कर धर्म प्रेमी मनुष्य आध्यात्म में उन्नति कर सकता है।
- एक मुखी रुद्राक्ष धारण करने से सांसारिक दुखों का नाश होता है।
- एकमुखी रुद्राक्ष ब्रह्मस्वरूप होता है।
- दोमुखी रुद्राक्ष अर्धनारिश्वर स्वरूप होता है। इसको धारण करने से अर्धनारिश्वर भगवान प्रसन्न होते हैं।
- तीनमुखी रुद्राक्ष अग्नि स्वरूप होता है। इसके धारण करने से अग्निदेव की कृपा प्राप्त होती है। शरीर और वाणी के तेज में वृद्धि होती है।
- चारमुखी रुद्राक्ष ब्रह्म का रूप है। इसके धारण करने पर ब्रह्मा प्रसन्न होते हैं।
- पांचमुखी रुद्राक्ष पंचदेव स्वरूप होता है। इसको धारण करने वाला हत्या के दोष से मुक्त हो जाता है।
- छः मुखी रुद्राक्ष कार्तिकेय स्वरूप होता है। इसके धारण करने से बुद्धि, आरोग्यता और लक्ष्मी प्राप्त होती है।
- सातमुखी रुद्राक्ष सप्तऋषि स्वरूप होता है। इसके धारण करने से आरोग्यता के साथ महाश्री और ज्ञान-संपत्ति की प्राप्ति होती है।
- आठमुखी रुद्राक्ष नवशक्ति स्वरूप होता है। इसके धारण करने से अष्टवसु प्रसन्न होते हैं।
- नौमुखी रुद्राक्ष नवशक्ति स्वरूप होता है। इसके धारण करने से नवशक्तियां प्रसन्न होती हैं।
- दसमुखी रुद्राक्ष यम स्वरूप होता है। इसके धारण करने से ग्रह दशाएं शांत होती हैं।
- ग्यारहमुखी रुद्राक्ष रुद्र स्वरूप होता है। इसके धारण करने से सौभाग्य की प्राप्ति होती है तथा तंत्र बाधा से मुक्ति मिल जाती है।
- बारहमुखी रुद्राक्ष महाविष्णु स्वरूप होता है। इसके धारण करने से द्वादश आदित्य प्रसन्न होते हैं।
- तेरहमुखी रुद्राक्ष कामदेवता स्वरूप होता है। इसके धारण करने से यौन शक्ति में वृद्धि होती है। कामना पूर्ति एवं सिद्धियों के प्राप्ति के लिए भी इसको धारण किया जाता है।
- चौदहमुखी रुद्राक्ष रूद्र देवता हैं। इसके धारण करने से सर्वव्याधि निवृत्ति पूर्वक आरोग्य सिद्धि होती है।
- गौरी शंकर रुद्राक्ष : कई बार दो रुद्राक्ष जुड़े हुए होते हैं। इन्हें शिव और शक्ति का प्रतीक माना जाता है। यह रुद्राक्ष दाम्पत्य सुख प्राप्ति में विशेष लाभकारी है।
दोस्तों तांत्रिक वस्तुएं (Tantrik Items) बहुत ही शक्तिशाली होती हैं। यदि इन वस्तुओं को मन्त्रों से सिद्ध कर लिया जाए तो ये साधक के जीवन को सफलताओं से सजा सकती हैं। हर मनोकामना को पलक झपकते पूरा कर सकती हैं।
तांत्रिक वस्तुएं (Tantrik Items) तभी कामयाब होती हैं, जब इन्हें सिद्ध कर लिया जाए। योग्य गुरु के देख-रेख में इन चमत्कारी तांत्रिक वस्तुओं की सिद्धि करनी चाहिए तथा जीवन में कभी भी इन सिद्धियों का दुरूपयोग नहीं करना चाहिए।
दुरूपयोग करने से इनकी शक्ति नष्ट हो जाती है और साधक का भी अनिष्ट हो जाता है।
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