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CHHINNAMASTA KAVACH |
छिन्नमस्ता कवच – CHHINNAMASTA KAVACH :- मॉ छिन्नमस्ता देवी का कवच सभी प्रकार के शत्रुओं का नाश करने वाला है। इस कवच का पाठ करने से साधक का सभी प्रकार से रक्षा होती है तथा मॉ आद्य भवानी का अनुग्रह प्राप्त होता है।
भगवती छिन्नमस्ता के भक्तों को सदा इस कवच का पाठ करते रहना चाहिए। छिन्नमस्ता कवच – CHHINNAMASTA KAVACH
हुं बीजात्मका देवी मुण्डकर्तृधरापरा।
हृदय पातु सा देवी वर्णिनी डाकिनीयुता।।
देवी डाकिनी से युक्त मुण्ड को धारण करने वाली, ‘हूं‘ बीजयुक्त महादेवी मेरे हृदय की रक्षा करें।
श्रीं ह्रीं हुं ऐं चैव देवी पुर्व्वास्यां पातु सर्वदा।
सर्व्वांगं मे सदा पातु छिन्नमस्ता महाबला।।
श्रीं ह्रीं हुं ऐं बीजात्मिका देवी मेरी पूर्व की और छिन्नमस्ता सदा मेरे सर्वांग की रक्षा करें।
वज्रवैरोचनीये हुं फट् बीजसमन्विता।
उत्तरस्यां तथाग्नौ च वारुणे नैऋर्तेऽवतु।।
‘हूं फट्’ बीज से समन्वित वज्रवैरोचनीये देवी उत्तर, अग्नि, वरुण और नैऋत्य दिशाओं में मेरी रक्षा करें।
इन्द्राक्षी भैरवी चैवासितांगी च संहारिणी।
सर्व्वदा पातु मां देवी चान्यान्यासु हि दिक्षु वै।।
इन्द्राक्षी, भैरवी, असितांगी और संहारिणी देवी सर्वदा मेरी सब दिशाओं में रक्षा करें।
इदं कवचमज्ञात्वा यो जपेच्छिन्नमस्तकाम्।
न तस्य फलसिद्धिः स्यात्कल्पकोटिशतैरपि।।
इस कवच को बिना जाने जो साधक छिन्नमस्ता देवी का मंत्र जपता है, वह सौ करोड़ कल्प में भी उसका फल प्राप्त नहीं कर पाता है।
छिन्नमस्ता कवच – CHHINNAMASTA KAVACH
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