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PARAD |
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पारद संस्कार : PARAD SANSKAR
मंत्रों से आबद्ध स्वर्णग्रास युक्त पारद (PARAD) से निर्मित प्रतिमा तो अपने आप में चैतन्य होती ही है, इसकी उपस्थिति भी अपने आप में पूर्णता का द्योतक माना गया है। इसलिए यह प्रयास करना चाहिए कि मंत्रों से आबद्ध पारद मूर्ति ही अपने घर में स्थापित हो।
पारद (PARAD) से निर्मित देव प्रतिमा शोधित एवं प्राण-प्रतिष्ठा युक्त होना चाहिए और यह काम कोई सक्षम एवं दिव्य आत्मा साधक ही कर सकता है जो कि आज के युग में बड़ा दुर्लभ है।
पारद (PARAD) की महिमा
इसके दर्शन से 100 अश्वमेघ यज्ञ करने, करोड़ों गौ दान करने एवं सहस्त्रों मन स्वर्ण दान करने का फल मिलता है। पारद (PARAD) से अधिक गुण वाला पदार्थ न हुआ है, न होगा।
पारद (PARAD) से पायें सुख समृद्धि
इसलिए तंत्र शास्त्र के देवता भगवान शिव को आधार मानकर श्री विद्या तथा श्री यंत्र की उपासना धन-धान्य एवं समृद्धि प्राप्ति के लिए की जाती है।
इस प्रकार देखा जाये तो पारद (PARAD) आध्यात्मिक क्षेत्र में अति महत्वपूर्ण धातु है। सभी तरह की पूजा-अर्चना में इसको अग्रणी माना गया है।
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