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ऐसा करके देखिए, आपका जीवन कैसे फूलों की भांति महक उठता है। आप हमेशा अपने दुख में किसी न किसी का सहारा पाएंगे और कठिन से कठिन वक्त को हंसते हुए गुजार लेंगे। क्योंकि भगवान अनेंको रूपों में अपने भक्तों की कठिन समय में रक्षा करते हैं।
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MORNING MANTRA |
Table of Contents
प्रातः काल जप मंत्र (MORNING MANTRA)
1) गणेश स्मरण –प्रातः काल जप मंत्र (MORNING MANTRA)
2) विष्णु स्मरण प्रातः काल जप मंत्र (MORNING MANTRA)
ग्राहाभिभूतवरवारणमुक्तिहेतुं, चक्रायुधंतरुणवारिजपत्रनेत्रम्।।
अर्थ- संसार के भय रूपी महान दुख को नष्ट करने वाले, ग्राह से गजराज को मुक्त करने वाले चक्रधारी एवं नवीन कमल दल के समान नेत्र वाले गरुणवाहन पर सवार भगवान श्रीनारायण का मैं प्रातःकाल स्मरण करता हूँ।
3) शिव स्मरण –प्रातः काल जप मंत्र (MORNING MANTRA)
4) देवी स्मरण – प्रातः काल जप मंत्र (MORNING MANTRA)
दिव्या युधोर्जित सुनील सहस्त्रहस्तां, रक्तोत्पलाभचरणां भवतीं परशाम्।।
अर्थ- शरद कालीन चन्द्रमा के समान उज्जवल आभा वाली, उत्तम रत्नों से जड़ित मकर कुण्डलों तथा हारों से सुशोभित, दिव्युधों से दीप्त सुन्दर नीले हजारों हाथों वाली, लाल कमल की आभायुक्त चरणों वाली भगवती दुर्गा का मैं प्रातः काल स्मरण करता हूँ।
5) सूर्य स्मरण – प्रातः काल जप मंत्र (MORNING MANTRA)
[…] प्रातः काल में करें पंचदेवों का मंत्र … […]