
त्रिकोणासन करने के लिए खड़े होकर एक हाथ नीचे तथा दूसरा ऊपर तानते हुए शरीर को दाएं-बाएं झुकाया जाता है। कमर पर से वसा को खत्म करने के लिए इस आसन को अवश्यक करना चाहिए।
मुख्यतः त्रिकोण की मुद्रा में शरीर को व्यवस्थित करने के कारण इस आसन को त्रिकोणासन कहा जाता है। इस आसन को करने से कमर, पेट, गर्दन एवं भुजाओं का बहुत अच्छा व्यायाम हो जाता है।
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त्रिकोणासन करने की विधि
त्रिकोणासन करने के लिए निम्नलिखित विधियों का अनुसरण करें-
- सर्वप्रथम विश्राम की अवस्था में खड़े हो जाएं।
- दोनों पैरों के बीच कम से कम एक फीट की दूरी बनाएं।
- दायें हाथ को ऊपर आकाश की ओर उठाकर ऊपर तानते हुए नीचे झुकें ओर बाएं हाथ से बाएं पैर की एड़ी को स्पर्श करें।
- ध्यान रहे, हाथ ऊपर उठाते हुए गहरी सांस भरें एवं पैर की एड़ी का स्पर्श करते हुए सांस छोड़ें। 10 सेकण्ड तक उसी अवस्था में रहें।
- उपरोक्त क्रिया को उलटकर भी करें। अर्थात बायां हाथ ऊपर उठायें और दाएं हाथ से दायें पैर की एड़ी का स्पर्श करें।
- त्रिकोणासन करने के लिए ऊपर दर्शाये गये चित्र का अनुसरण कर सकते हैं।
त्रिकोणासन करने के लाभ
- त्रिकोणासन करने से कमर में लचीलापन आता है।
- गर्दन तथा कन्धों में दृढ़ता आती है।
- कोष्ठ बद्धता दूर हो जाती है। पाचन तथा रक्त संचरण की क्रियाएं सुचारु रूप से चलने लगती हैं।
- गुर्दे स्वस्थ रहते हैं।
- रीढ़ की हड्डी की बीमारियों से छुटकारा मिल जाता है।
त्रिकोणासन करते समय सावधानियां
- त्रिकोणासन करते समय उत्तर की ओर सिर न करें।
- आसन लगाते समय अपने टांगों को ताने रखें ताकि हाथ से पैर की एड़ी का स्पर्श करते समय टांगें घुटनों से मुड़े नहीं।
त्रिकोणासन में ध्यान
त्रिकोणासन करते हुए ध्यान लगाने की आवश्यकता नहीं है। इस आसन को केवल शारीरिक व्यायाम के अंतर्गत रखें।
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