पद्मासन (PADMASANA) : करने का तरीका और इसके लाभ

पद्मासन (PADMASANA) शब्द का अर्थ है- कमल के समान आसन अर्थात इस आसन में बैठे हुए व्यक्ति की मुद्रा विकसित कमल-पुष्प अथवा उसके पंखुड़ियों पर बैठे व्यक्ति जैसा दिखाई देता है।

दूसरे शब्दों में हम यह भी कह सकते हैं कि इस आसन पर बैठकर एक साधक अपने चेतनारूपी कमल को विकसित करता है। दोनों अर्थों में यह बात तर्कसंगत एवं मान्य है।

पद्मासन (PADMASANA) योग साधना हेतु एक विशिष्ट आसन है। ध्यान लगाने तथा त्राटक आदि के अभ्यास के लिए भी यह आसन सर्वोत्तम माना जाता है।

पद्मासन (PADMASANA) करने का तरीका

भूमि पर दरी या कम्बल को तीन-चार परतों में मोड़कर बिछा लें। इसके पश्चात अपनी दोनों टांगों को सामने की ओर फैलाकर बैठ जायें।

पहले दाहिनी टांग को घुटने से थोड़ा मोड़ने के बाद दाहिने तथा बायें हाथों से पकड़कर उसे थोड़ा ऊपर उठाते हुए बायीं जांघ पर रखें। पुनः दोनों हाथों से उसी क्रम में पैर के गट्टे तथा पंजों को पकड़कर एड़ी को बाएं जंघे के मूल से दृढ़ता से सटा लें।

ठीक इसी प्रकार बायीं टांग को मोड़कर एड़ी को जंघ-मूल से सटाकर रखें। पहली बार इस आसन को करने में कठिनाई आएगी। इसलिए जल्दबाजी न करके दो-चार दिन अभ्यास करें। अभ्यास करने से यह आसन सिद्ध हो जाएगा।

इस आसन में बैठने के बाद तर्जनी और अंगुठा को आपस में मिलाते हुए ज्ञान मुद्रा बनाएं और घुटनों पर रखें। ध्यान एकाग्र करें तथा मेरुदण्ड एवं गर्दन को एकदम सीधा रखें। लगभग दस मिनट तक इस आसन को करें।

(दिये गये चित्र का अनुसरण करें) पद्मासन (PADMASANA)
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पद्मासन (PADMASANA) करने के लाभ

पद्मासन (PADMASANA) स्वास्थ्य एवं योग दोनों दृष्टियां से सर्वाधिक महत्वपूर्ण आसन है, जिसके अनेकों लाभ निम्नवत है-
  • इस आसन को करने से वात एवं उदर रोगों से मुक्ति मिल जाती है। पद्मासन करने से पाचन संस्थान को बल मिलता है और पाचन क्रिया नियमित रहता है। इस आसन को करने से शरीर में सुदृढ़ता, लचीलापन, सौंदर्य, सन्तुलन तथा कान्ति आती है।
  • पद्मासन (PADMASANA) करने से शरीर में नई स्फूर्ति एवं चेतना का विस्तार होता है और रक्त संचरण की क्रिया नियमित हो जाती है।
  • स्वास्थ्य एवं योग के लिए इन्द्रियों पर नियंत्रण आवश्यक है, जो कि इस आसन को करने से सहजता से प्राप्त हो जाती है।
    • पद्मासन (PADMASANA) से कामेच्छा को नियंत्रण में रखकर सरलतापूर्वक ब्रह्मचर्य व्रत का पालन किया जा सकता है, जो जीवन की आधार शिला को सुदृढ़ बनाता है।

 

  • शारीरिक स्वास्थ्य के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य की भी परम आवश्यकता है। इस आसन से मानसिक स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है। वस्तुतः पद्मासन का नियमित अभ्यास करने से मन को स्थिरता, शुचिता, शांति तथा संतुष्टि की प्राप्ति होती है।
  • प्राणायाम करने के लिए यह आसन सर्वोत्तम माना गया है। इस आसन के साथ प्राणायाम करने से सहजता का अनुभव होता है।
  • पद्मासन (PADMASANA) चित्त को एक्रागता प्रदान करने में पूर्ण सहयोग करता है तथा योग के अन्तिम सोपान समाधि की प्राप्ति के लिए मार्ग प्रशस्त करता है।
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